दहेज़ प्रथा 188 words 01. भारतीय संस्कृति में मंगलमय भावनाओं की प्रधानता रही है । 02. प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति के अन्नदान, विधादान, धनदान, भूदान, गोदान आदि को महत्व दिया गया है । 03. इन बातों के अन्तर्गत कन्यादान भी प्रमुख दान माना जाता था । 04. प्रत्येक माता - पिता अपनी सामर्थ्य अनुसार कन्या को आभूषण, वस्त्र व आवश्यक वस्तुएँ देते थे । 05. जिससे कन्या को गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते समय समुचित सहायता मिल जाता उस समय यह कार्य पूरी तरह से धार्मिक आस्था से सम्पन्न होता था । 06. उस समय माता-पिता अपनी सामर्थ्य के अनुरूप ही दहेज देते थे । 07. शुरू में दहेज के साथ जो मंगलमय भावना थी । 08. उसका धीरे - धीरे लोप होने लगा । 09. कन्या को एक भार , एक विपत्ति माना जाने लगा है । 10. कन्यादान माता - पिता के लिए एक बोझ बन गया है । 11. सम्पन्न लोग अपने धन की शक्ति से अपने कन्या के लिए योग्य वर प्राप्त करने में सफल होने लगे , चाहे उसकी कन्या में सदगुणों का अभाव ही क्यों न हो । 12. दहेज हमारे समाज की एक कुप्रथा है जिसके कारण कन्या व उसके माता-पिता को अनेक असहाय यातनाएँ भोगनी पड़ती है । 13. यह कुप्रथा हमारे लिए कलंक है । Next Lesson